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चुम्बकत्व एवं विद्युत चुम्बकत्व (Magnetism and Electro Magnetism)

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चुम्बकत्व एवं विद्युत चुम्बकत्व (Magnetism and Electro Magnetism) प्राचीन काल में मैग्नेशिया के अन्दर एक पत्थर ऐसा पाया गया जो लोहे के टुकड़ों को अपनी ओर आकर्षित कर लेता था. बाद में इस U आकार अधिकतर मूविंग क्वाइल उपयन्त्रों में प्रयोग किए जाते हैं। रिंग आकार के चुम्बक स्पीकर में और कई सारे एक साथ ड्रम पर चिपका कर पत्थर पर और प्रयोग किये गए. देखा गया कि यह स्वतन्त्रता पूर्वक फाउण्ड्री इत्यादि में मिट्टी में से लोहे के कण अलग करने के लिए उपयोगटकाने पर उतर व दक्षिण दिशा में ही ठहरता है तथा ऊंचाई से गिराने इ गर्म करने से अपने चुम्बकीय गुण खो देता है। उस स्थान के नाम पर ही इसका नामकरण मैगनेट रखा गया। चुम्बक का वर्गीकरण (Classification of Magnets )  चुम्बक को निम्नलिखित दो वर्गों में बाटा गया है -  (a) प्राकृतिक चुम्बक (Natural Magnet)  (b) कृत्रिम चुम्बक (Artificial Magnet)  (C) प्राकृतिक चुम्बक (Natural Magnet) यह पत्थर के रूप में लोहे का ऑक्साइड (Feg,O) होता है। इसे लीडिंग स्टोन भी कहते हैं क्योंकि यदि इसे धागे से बांध कर लटकाया जाए तो यह उतर दक्षिण दिशा में ही ठहरता है...

विद्युत धारा के रासायनिक प्रभाव (Chemical Effect of Electric Current)

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  विद्युत धारा के रासायनिक प्रभाव (Chemical Effect of Electric Current) विद्युत वि लेषण (Electrolysis ) कुछ तरल चालक पदार्थ जैसे गन्धक का अम्ल H,SO, शोरे का अम्ल HNO, और हाइड्रोक्लोरिक अम्ल (HCL) और सोडियम हाइड्रोक्साइड NaOH व पोटेशियम हाइड्रोक्साइड KoH आदि क्षार व सोडियम क्लोराइड NaCL, कापर सल्फेट CuSO,, सिल्वर नाइट्रेट AgNO, आदि लवणों के घोल में परमाणु शिथिल रहते हैं। परन्तु जब इनमें विद्युत धारा गुजारी जाती है तो ये पदार्थ अपने आयनों में विघटित होकर एनोड़ और केथोड़ पर पहुंचने लगते हैं। विद्युत धारा द्वारा होने वाली यह विघटन प्रक्रिया विद्युत विश्लेषण कहलाती है और इस प्रक्रिया में उपयोग हुआ घोल जो आयनों में विघटित होता है, विद्युत विश्लेष्य (Electrolyte) कहलाता है। चित्र - चित्र 9.1 में विद्युत विश्लेषण के सिद्धान्त को समझने के लिए प्रयास किया गया है। इसमें एक बर्तन में पानी रख कर CuSO, से घोल बनाया गया है और दो ताँबे के इलैक्ट्रोड इस घोल में पूरे डुबोये गए हैं। अब यदि इन इलैक्ट्रोडों को दिष्ट धारा से जोड़ा जाए तो कॉपर सल्फेट विघटित होकर उसके Cu" आयन कैथोड़ की तरफ और SO, आयन एन...

विद्युत वायरिंग में उपयोग होने वाली विद्युत सामग्री (General Electrical Accessories Used in Wiring)

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विद्युत वायरिंग में उपयोग होने वाली विद्युत सामग्री (General Electrical Accessories Used in Wiring) विद्युत सामग्री (Electrical Accessories) - घरेलू वायरिंग में विद्युत सामग्री के रूप में परिपथ को सुरक्षित करने के लिए, नियन्त्रित करने के लिए और समायोजन के लिए काम में लाये जाने वाले साधन विद्युत सामग्री कहलाते हैं। घरेलू वायरिंग में उपयोग होने वाली सामग्री की धारा वहन क्षमता अधिकतर 6, 16 और 32 एम्पीयर होती है तथा कार्यकारी वोल्टता 240V AC होती है। संरचना (Construction ) - इन विद्युत साधनों के उपयोग के दौरान इनके धारा वहन करने वाले भागों को छूने से विद्युत झटका लग सकता है अत: इनकी सामग्री में मुख्यता इनके आवरण (ढक्कन) विशेष विद्युत रोधी होने चाहिए तथा आधार जिन पर टर्मिनल कसे होते हैं वे भी पर्याप्त इन्सुलेटिड होने चाहिए, मजबूत होने चाहिए। इन पर लगे टर्मिनल अक्सर पीतल के होने चाहिए और इनमें लगने वाले पेच भी यथा सम्भव पीतल के ही होते हैं। एक टर्मिनल से दूसरे टर्मिनल को छूने वाली पत्ती विशेष मिश्र धातु की होती है। जिसकी चालकता उच्च व यान्त्रिक सामर्थ्य व टर्मिनल पर दबाव उच्च होता है। यह प...