वाइडिंग (Winding)

 


वाइडिंग (Winding)

परिचयः कई बार ओवर लोड या लघु परिपथ या इनपुट वोल्टेज के अधिक होने पर ट्रांसफार्मर की वाइडिंग जल जाती है, उस समय ट्रांसफार्मर की वाइडिंग करने के लिए निम्न बातों को नोट करना चाहिए।

ट्रांसफार्मर का डाटा नोट करना: ट्रांसफार्मर को अवसमन्वायोजन

(Disaassemblying) करने से पूर्व निम्नलिखित आंकडे (data) नोटकरने चाहिये।

1..ट्रांसफार्मर की क्रोड का प्रकार अर्थात् क्रोड प्रकार या शैल प्रकार 

2.वाइडिंग की संख्या, इनपुट व आऊटपुट वोल्टेज ।

3.आउटपुट धारा क्षमता अर्थात् VA क्षमता।

4.संयोजन आरेख, टर्मिनल की पहचान करने के लिए चिन्ह लगायें

5.भार के साथ किस प्रकार संयोजित है।

6.क्रोड का समुच्चय (Assembly) का विवरण, स्टैम्पिंग की संख्या

7.तार का साइज और प्रत्येक कुण्डलन (winding) में अर्थात् प्राइमरी व सैकेण्ड्री वाइडिंग में टनों की संख्या ।

8.बडे ट्रांसफार्मर में प्रत्येक परत में टर्न की संख्या

9.इन्सुलेशन में परत, लीड तारे, स्लीव का प्रकार व साईज, बन्धन, वाइडिंग व प्रत्येक परत के बीच इन्सुलेशन का प्रकार व साईज नोट करना चाहिये

10. बाबिन का साईज, दीवार की मोटाई, आकार व किस पदार्थ से बना है नोट करना चाहिये।

11. बॉबिन की असेम्बली के विवरण व चित्र भी बनायें। 12. यदि वाइडिंग में पुरानी बॉबिन का दोबारा उपयोग करना हो तो उसे अच्छी तरह साफ करे, यह कहीं से टूटा हुआ नहीं होना चाहिए।

13. यदि नई बॉबिन का उपयोग करना हो तो यह जांच कर ले कि यह क्रोड स्टैम्पिंग के अनुसार हो। इस बॉबिन में क्रोड अधिक टाइट न हो और न ही ढीली रहनी चाहिये । 14. वाइडिंग के लिए तार का साईज इंसुलेशन सहित व इंसुलेशन

रहित दोनों प्रकार से नोट करना चाहिये। यथा सम्भव जिस इन्सुलेशन वाला तार है उसी प्रकार का पुन: उपयोग करें अन्यथा उसी साईज में अन्य इन्सुलेशन वाला तार प्रयोग कर सकते हैं। 

क्रोड को स्टैग लगना (Stacking of core): क्रोड को बॉबिन में डालने से पूर्व अर्थात् चिति लगाने से पूर्व, प्रत्येक स्टैम्पिंग की जांच कर ले कि इसमें गडढ़े न हो, क्रोड मुडी न हो और इस पर इन्सुलेशन की परत सही लगी हो, यदि क्रोड में मोड या गडढ़े हों तो उसे उचित प्रकार से ठीक कर लेना चाहिये और चिति (stack) को मूल क्रम अर्थात् पैटर्न में लगाना चाहिये। बॉबिन मेंसभीमुद्राकंन(stamping) आ जानी चाहियें कोई भी स्टैम्पिंग छुटनी नहीं चाहिये। छोटे ट्रांसफार्मर सामान्यतया शैल प्रकार के होते हैं।  आकार वाले शैल प्रकार के क्रोड दिखाये गये हैं ।

छोटे साइज का ट्रांसफार्मर डिजाइन करना (Design of a small transformer): अधिकतर छोटे ट्रांसफार्मर शैल प्रकार के होते हैं, जिनमें प्राथमिक व द्वितीयक वाइडिंग दोनों केन्द्रीय भुजा पर कुण्डलित होती है, निम्न अनुसार छोटे ट्रांसफार्मर के विभिन्न डाटा का आंकलन करें ।

आर्मेचर कुण्डलन (ARMATURE WINDING) :- चूँकि सभी विद्युत मशीनें विद्युत चुम्बकत्व के कारण कार्य करती हैं, यह विद्युत चुम्बकत्व उत्पन्न करने के लिए क्रोड पर विद्युत रोधी ताम्र या एल्यूमिनियम तारों से कुण्डलन करनी पडती है। जिस भाग पर मुख्य कुण्डलन होती है, वह भाग आर्मेचर कहलाता है. यह दिष्ट धारा मशीनों में घूमने वाला भाग होता है तथा ए.सी. मोटरों में प्राय: मुख्य कुण्डलन जिसे ए.सी. आर्मेचर कुण्डलन कहते हैं, स्टेटर भाग पर की जाती है। आर्मेचर में ताम्र चालकों को सुव्यवस्थित तरीके से इस प्रकार रखना कि चालकों में उत्पन्न विद्युत वाहक बल का योग बाहरी परिपथ को मिल सके, यह प्रक्रिया आर्मेचर कुण्डलन कहलाती है।

आर्मेचर कुण्डलन में प्रयुक्त पदार्थ :- आर्मेचर कुण्डलन में उपयोग होने वाले पदार्थों को दो भागों में बाँटा जा सकता है- 

(i) चालक पदार्थ

(ii) इन्सुलेटिंग पदार्थ

(i) चालक पदार्थ (CONDUCTING MATERIAL) :- साधाराणतया नर्म ताँबे के गोल आकार के चालक जिन पर इनैमल्ड की परत चढी होती है, कुण्डलन के लिए प्रयोग किये जाते हैं। विशेष प्रकार की व बडी आकार की मोटरों में त्रिभुज आकार या आयताकार आकार के चालक भी प्रयोग किये जाते हैं। इसके अतिरिक्त निम्र प्रकार के इन्सुलेशन वाले चालक कुण्डलन में प्रयोग किये जाते हैं। (a) सुपर इनैमल्ड कॉपर वायर (S.E.)

(b) एकल परत कॉटन कवर्ड कॉपर वायर (S.C.C.) 

(c) डबल कॉटन कवर्ड कॉपर वायर (D.C.C.) 

(d) सिंगल सिल्क कवर्ड कॉपर वायर (S.S.C.) 

(e) डबल सिल्क कवर्ड कॉपर वायर (D.S.C)

 (f) पी.वी.सी. कवर्ड कॉपर वायर

प्रायः साधारण मोटर वाइडिंग के लिए सुपर इनैमल्ड कॉपर वायर प्रयोग की जाती है। परन्तु विशेष प्रकार की मोटर जैसे कम्प्रेशर में शील्ड होने वाली मोटरों का इनैमल्ड इन्सुलेशन मोटी परत वाला होता है।

कुछ विशेष प्रकार के दिष्ट धारा आर्मेचर जैसे डायनमों इत्यादि के कम वोल्टेज वाले आर्मेचर से DCC या DSC से कुण्डलित होते है। आमतौर पर परिणामित्रों की कुण्डलन DCC से या डबल कॉटन कवर्ड एल्यूमिनियम चालक से की जाती है।



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