सन्देशवाहन की आधुनिक तकनीकें

 


संम्प्रेषण / सन्देशवाहन की आधुनिक तकनीकें

आधुनिक युग में सम्प्रेषण की अनेक नई तकनीकें विकसित हो गई है जिनका भरपूर उपयोग किया जा रहा है। ऐसी कुछ प्रमुख तकनीकें निम्नानुसार है : :-

1. इलैक्ट्रोनिक मेल या ई-मेल ।

2. इन्टरनेट ।

3. फेक्स।

4. वॉइस मेसेजिंग |

5. वीडियों कान्फ्रेन्सिग ।

6. बेव साइट। 7. लेन ।

8. मेन तथा वेन ।

9. सैल्यूलर फोन ।

1. इलैक्ट्रोनिक्स मेल या ई-मेल (Electronics mail or E- mail) :- ई-मेल सन्देश संम्प्रेषण की एक अत्यधिक प्रचलित आधुनिक तकनीक है। इस तकनीक से सन्देश भेजने हेतु ऐसे कम्प्यूटर का उपयोगके लिए सबसे पहले सन्देश ई-मेल बॉक्स में टाइप किया जाता है। करना होता है जिसमें इन्टरनेट सुविधा होती है। ई-मेल से सन्देश भेजने में अन्तरित किया जाता है। तत्पश्चात् जिस व्यक्ति या संस्था को भेजना होता है अत: संस्था के पते (e-mail address) को टाइप किया जाता 'उसे इन्टरनेट के माध्यम से इच्छित व्यक्ति या संस्था को है।

सन्देश भेजने के साथ ही वह सन्देश प्राप्तकर्ता को इन्टरनेटयुक्त • कम्प्यूटर के ई-मेल बॉक्स में चला जाता है। जब प्राप्तकर्ता उस बॉक्स को खोलेगा तो वह उस सन्देश को देख व पढ़ सकता है, संग्रह कर सकता है और चाहे तो उसे आगे भी ई-मेल के माध्यम से प्रेषित करसकता है।

ई-मेल एक अत्यन्त सस्ता एंव त्वरित (Economic and speedly) साधन है। इसमें सन्देश भेजना भी आसान है। इसी कारण इस सेवा का उपयोग कई व्यवसायिक संस्थाओं द्वारा किया जाता है। किन्तु ई- मेल सेवा का उपयोग करने हेतु सन्देश प्रेषक एवं प्राप्तकर्ता दोनों के ही कम्प्यूटरो में इन्टरनेट सुविधा होनी चाहिए तथा उनके ई-मेल पते भी होने चाहिए।

2. टेलिफोन/सैल्यूलर फोन (Telephone / Cellular Phone) आधुनिक युग को मुठ्ठी में करने के लिए टेलीफोन एवं मोबाईल फोन का प्रचलन बहुत बढ़ गया है। इसके द्वारा मौखिक वार्तालाप के अतिरिक्त फोटो का आदान भी किया जा सकता है। फलत: किसी भी संदेश की फोटो कॉपी करके एक सैल फोन से दूसरे सैल फोन पर भेजी जा सकती है। आजकल कई कम्पनियाँ अपने उत्पादों का विज्ञापन भी सैल फोन पर संदेश देकर कर रही है।

3. इन्टरनेट (Internet) :-इन्टरनेट एक ऐसा आधारभूत सम्प्रेषण माध्यम है जिस पर कई सम्प्रेषण माध्यमों की सेवाएँ निर्भर करती है। इसका उपयोग करने हेतु किसी इन्टरनेट सर्वर प्रदाता (Internet Service Provide) से इन्टरनेट कनेक्शन लेना पड़ता है। इसे टेलीफोन लाइन के साथ जोड़कर एक कम्प्यूटर से दूसरे कम्प्यूटर तक संदेशो का सम्प्रेषण किया जाता है, किन्तु आजकल बिना टेलीफोन कनेक्शन के भी इन्टरनेट सेवा प्रारम्भ हो गई है।

4. फैक्स (Fax) :- यह भी संदेशो के संम्प्रेषण की आधुनिक तकनीक है। इस माध्यम का उपयोग करने के लिए सन्देश प्रेषक तथा प्राप्तकर्ता दोनों के पास फैक्स मिल मशीन (Facscimile machine or Fax machine) तथा टेलीफोन का होना अनिवार्य है। इसके माध्यम से संदेश प्रेषित करने के लिए सबसे पहले किसी कागज पर लिख लिया जाता है। फिर संदेशयुक्त कागज को फैक्स मशीन (मशीन उसकी स्केनिंग होती है। स्केन होने के बाद स्केन किया संदेशप्राप्तकर्ता चालू करके तथा टेलीफोन के साथ जोड़कर) में रखा जाता है जिसमेंपास• फैक्स मशीन में चला जाता है तथा संदेश का कागज प्रेषक के ही रह जाता है। संदेश भेजने के साथ ही प्रेषक की मशीन जब ओके (OK) का संदेश दे देती है तो यह माना जाता है कि संदेश प्राप्तकर्ता पहुँच गया है, किन्तु संदेश प्राप्तकर्ता की फैक्स मशीन बंद हो तो ऐसी स्थिति में ऐसा नही होगा। ऐसी स्थिति में प्रेषक को संदेश भेजने हेतु वही प्रक्रिया अपनानी पड़ेगी।

5. वॉइस मैसेजिंग (Voice messaging) :-संदेश सम्प्रेषण की इस तकनीक में टेलीफोन तथ वॉइस मेल बॉक्स का होना आवश्यक है। वॉइस मेल बॉक्स केवल प्राप्तकर्ता के पास ही होना आवश्यक है।

जब कोई व्यक्ति किसी दूसरे व्यक्ति को टेलीफोन करता है किन्तु वह उपलब्ध नहीं होता है। फलत: वह उस संदेश को प्राप्त कर सुन लेता है किन्तु यदि प्राप्तकर्ता के टेलीफोन के साथ वॉइस-मेल बॉक्सजुड़ा है तो वह संदेश प्रेषक या टेलीफोन करने वाला टेलीफोन पर जो भी बोलगा। वह उस वॉइस मेल बॉक्स मे रिकॉर्ड हो जाएगा। संदेश प्राप्तकर्ता जब चाहे उस सन्देश को सुन सकता है।

6. वीडियो कॉन्फ्रेसिंग (Video Conferencing) :- वीडियो कॉन्फ्रेसिंग एक ऐसी तकनीक है जिसमे दो या दो से अधिक व्यत्ति आपस में बातचीत कर सकते है। इसमें भाग लेने वाले व्यक्ति अपने सन्देशो एवं हाल-चाल का ही नहीं बल्कि अपने शरीरिक एवं मानसिक हाव-भावों का भी आदान-प्रदान करते हैं। इसका कारण यह है कि विडियो कान्फ्रेसिंग में आवाज के साथ-साथ उसमें भाग लेने वाले व्यक्तियों एवं उनके आस-पास की भौतिक परिस्थितियों के चित्र भी एक दूसरे तक पहुचते हैं ।

वीडियो कॉन्फ्रेसिंग

 (i) कम्प्यूटर की सहायता से तथा (ii) बिना कम्प्यूटर की सहायता से की जाती है। जब कम्प्यूटर की सहायता से। कॉन्फ्रेसिंग की जाती है तो इसमें भाग लेने के लिए सभी के पास एक- एक कम्प्यूटर, टेलीफोन, इन्टरनेट तथा वेब कैमरे की आवश्यकता पड़ती है। जब बिना कम्प्यूटर के कॉन्फ्रेसिंग की जाती है तब एक-एक वीडियो कॉन्फ्रेसिंग मशीन, सैटेलाइट टेलीफोन कनेक्शन, प्रोजेक्टर तथा वेब

| कैमरे की आवश्यकता पड़ती है।

Comments

Popular posts from this blog

अपारम्परिक ऊर्जा स्त्रोत (Non-Conventional Energy Sources)

प्रत्यावर्ती धारा का दिष्ट धारा में परिवर्तन व इनवर्टर (Conversion from AC To DC and Invertor)

विद्युत एवं इसके मूल सिद्धांत (Electricity and its Fundamental Laws)