शक्ति उत्पादन



शक्ति उत्पादन

आधुनिक जीवन में विद्युत ऊर्जा के बिना जीवन की कल्पना आता देशा है कि आदि मानव जीवन में प्रवेश कर जायें अर्थात वर्तमानमें

जीवनकाकोई ऐसा क्रिया कलाप नहीं बचा जिसमें विद्युत ऊर्जा की आवश्यकता न हो। परन्तु विद्युत ऊर्जा उत्पादन प्रत्येक स्थान पर सम्भव नहीं हैं क्योंकि इसके लिए प्रचूर मात्रा में अन्य वैकल्पिक ऊर्जा की आवश्यकता होती है। परन्तु विद्युत ऊर्जा की आवश्यकता प्रत्येक स्थान पर है। जिन स्थानों पर विशेष संयंत्रो द्वारा विद्युत ऊर्जा या शक्ति उत्पादित की जाती है उन्हें विद्युत शक्ति ग्रह कहते हैं। विद्युत ऊर्जा का उत्पादन (Generation); ऊर्जा के अन्य रूपों जैसे ईंधनों की रासायनिक ऊर्जा, गिरते पानी की ऊर्जा, वायु ऊर्जा, नाभिकीय ऊर्जा (Nuclear energy) आदि से किया जाता है।

विद्युत शक्ति केन्द्रों के प्रकार (Types of Electric power stations)

(1) तापीय शक्ति केन्द्र (Thermal power station)

(2) जल-विद्युत शक्ति केन्द्र (Hydro electric power stations) 

(3) परमाणु शक्ति केन्द्र (Atomic or Nuclear power station) 

तापीय शक्ति केन्द्रः इन शक्ति केन्द्रों में ठोस, द्रव व गैस ईंधनों का प्रयोग किया जाता है। आल्टरनेटर को चलाने वाले प्रथम चालकों (Prime-movers) के आधार पर तापीय शक्ति केन्द्रों को पुनः निम्नलिखित वर्गों में बांटा जाता है

(i) वाष्प शक्ति केन्द्र (Steam Power Stations)

 (ii) डीजल शक्ति केन्द्र (Diesel power stations) 

(iii) गैस टरबाइन शक्ति केन्द्र (Gas turbine power stations) 

वाष्प शक्ति केन्द्रों को निम्नलिखित वर्गों में बाँटा जा सकता है-

 (a) संघनन शक्ति केन्द्र (Condensing power stations) 

(b) शक्ति और तापन केन्द्रीय शक्ति केन्द्र (Power andHeating central station)

शक्ति केन्द्र के प्रकार का चुनाव करनाः विद्युत शक्ति उत्पादन करने के लिए, शक्ति केन्द्र के प्रकार का चुनाव करते समय निम्नलिखितबातों का ध्यान रखा जाता है।

(1) उपलब्ध ईंधन के प्रकार तथा उसकी कीमत, जल शक्ति

के लिए उचित स्थान जाने वाले भार के 

(2) पर्याप्त उपलब्धता और पर्याव ध्यान रखने पर उचित

(3) यदि स‍को उपभोक्ताओं अथअवस्था में वितरण 

(4) डीजल पडती है और इनकी है। उदाहरण के लिए और सस्ते दामों में चाहिये।

(5) शक्ति करती है, केन्द्र को को लाने और केन्द्र के अनुरक्षण 

Seam Turbine) को चलाने के लिए इसमें(Super heated stem) की सप्लाई दी जाती है

4. सम्पूर्ण दक्षता - यह विद्युत आपुरप्रवेश करती है और पुनः पासी बन जाती है। हुआको चलाने के बाद (Sam) चरित (Condenser) में का अनुपात होता है जिसका मान 25% से 20% लगभग होता है। दहन तापपानों को विशेष पानाद्वारा ति (-) में भेजा जाता है यहाँ कम क्षमता के विद्युत भार के लिए डीजल-विद्युत शक्तिहोकर बॉयलर में जाता है। के बॉयलर का फोडकावर पम्म पासी को वापिस बायकर में भेज देता है, इस बाग में यह पानी कुरः फोड कादर होवर का इकोसोमाइजर द्वारा गर्नेआपका पासी को कुछ यात्रा शक्ति केन्द्र की अपनी कुछ होती रहती है, जिसकी फूपूर्ती के लिए नहर या नदी से कच्चा पानी निश्तर आवश्यकताओं में खर्च हो जाती है. इस प्रकार पानी की सपाकार कमी पूरक जल के रूप में भेजा जाता है। लिया जाता रहता है और इसे शुरू करके विक (DN) मेंकी दक्षता बढ़ जाती है।

बॉयलर में और के दबाव के आधार पर फोड बटर को 150 C से 2030 तक गर्म किया जाता है 

 लाभ 1. इन्हें जल-विद्युत शक्ति संचों की तुलना में शोध स्थापित किया जा सकता है।

2. इसकी पूँजीगत लागत दूसरे केन्द्रों की तुलना में कम होती है। 3. इसके लिए स्थान को आवश्यकता जता विद्युत शक्ति समे की अपेक्षा कम होती है।

4. इन संयंत्रों को वहाँ भी स्थापित किया जा सकता है जहाँ पर इंधन प्राप्ति स्थान दूर हो जबकि जलविद्युत संकही लग सकता है जहाँ पर प्रचूर मात्रा में ऊँचाई पर जल उपलब्ध हो।

5. डीजल शक्ति केन्द्रों की अपेक्षा विद्युत उत्पादन सस्ता होता है। हानियाँ:

शीतक पानी (Cooling की आवश्यकता बहुत में होती है।

2. धुंआ के राख काठाकरण को दूषित करते हैं।

3. अनुरक्षण के परिचालन (Maintenance and operation) अधिक पड़ती है।

4. आपात काल में तुरन्त सेवा में नहीं लगाया जा सकता। 5. ईंधन को जमा करने के लिए बहुत बड़े क्षेत्र की आवश्यकता पड़ती है।

6. ईधिना का राख के रख रखाव करने वाले उपकरणों पर अतिरिक्त खर्च करना पड़ता है।

दक्षता (Efficiency):

1. तापीय दक्षता - 30% लगभग

2. यांत्रिक दक्षता - 95% लगभग

4 सोमेस्टर R.R

डीजल-विद्युत शक्ति केन्द्र (Diesel electric power केन्द्र सामान्यतया उपयोग किये जाते हैं, कभी-कभी जल-विद्युत केन्द्रों पर अचानक भर बक जाता है जिसको पूर्ती के लिए डीजल-विद्युत शक्ति केन्द्र प्रयोग किये जाते हैं। सेन्ट्रल स्टेशनों में आपातकालीन सेवा के लिए केन्द्रमा से होकर शक्ति प्रदान कर सकते हैं। भाँप शक्ति संमंत्रों (Steam power plant) में भी दैनिक अचानक भार बढ़ने पर इनका उपयोग सहायक शक्ति केन्द्र के रूप में किया जाता है। चित्र 3.2 में डोजल शानित केन्द्र का लाइन डायग्राम दिखाया गया है।

डीजल विद्युत शक्ति संयन्त्र का अभिन्यास


इन शक्ति केन्द्रों में उपयोग होने वाला प्रथम चालक (Prime mover) डीजल इन्जन होता है। डीजल इन्जन अपनी ऊर्जा व ईंधन अर्थात डीजल से प्राप्त करता है, डीजल इन्जन में दहन की रासायनिक ऊर्जा सिलैण्डर के भीतर मुक्त होती है, जबकि वाष्प टरबाइन में ईंधन दहन से जो ऊर्जा विकसित होती है पहले वाक्य में बदलती है और फिर वाम से यान्त्रिक शक्ति में विकसित होती है।

डीजल इन्जन द्वारा चालित शक्ति केन्द्र व्यक्तिगत छोटे उत्पादन केन्द्रों के रूप में भी बहुचर्चित है। अस्पताल, माल, उद्योग इत्यादि में भी व्यक्तिगत र प्रयोग किये जाते हैं। व्यक्तिगत घरेलू व उद्योगों की बढी हुई शक्ति की माँग तुरन्त जल-विद्युत शक्ति या तापीय शक्ति केन्द्र पुरी नहीं कर सकते, 

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